SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

Shiv chaisa - An Overview

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हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

Lord, in the event the ocean was churned plus the lethal poison emerged, out of the deep compassion for all, You drank the poison and saved the whole world from destruction. Your throat grew to become blue, Hence That you are known as Nilakantha.

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

भगवान शिव जी की चालीसा Shiv chaisa के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।

भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके shiv chalisa lyricsl जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

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